tag:blogger.com,1999:blog-8691068126047016839.post4156087600457933452..comments2023-06-19T09:29:47.473-07:00Comments on मेरे विचार: ब्लोगर बंधुओं मुझे आपका सलाह चाहिए !एस.के.रायhttp://www.blogger.com/profile/13130055447332682963noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-8691068126047016839.post-69876958811287900852009-09-26T23:35:46.648-07:002009-09-26T23:35:46.648-07:00परिवर्तण वेला में साथ देकर युग धर्म का निर्वाहन कर...परिवर्तण वेला में साथ देकर युग धर्म का निर्वाहन करना ,सभी का पुणित कर्तव्य हैं -सहमत हैं आपसे-सही कह रहे हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8691068126047016839.post-51652535767289126382009-09-26T07:58:09.642-07:002009-09-26T07:58:09.642-07:00आजकल कम्युनिष्ट शब्द गाली ही बनकर रह गया हैआजकल कम्युनिष्ट शब्द गाली ही बनकर रह गया हैGyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8691068126047016839.post-89581625546377575682009-09-26T05:16:04.639-07:002009-09-26T05:16:04.639-07:00समय अपनी गति से चलता रहता है...इसे चलते रहना देना ...समय अपनी गति से चलता रहता है...इसे चलते रहना देना चाहिए..Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8691068126047016839.post-74031997185341657742009-09-26T05:02:08.545-07:002009-09-26T05:02:08.545-07:00,कम्युनिस्टों ने तो मात्र विचार भिन्नता के कारण से...,कम्युनिस्टों ने तो मात्र विचार भिन्नता के कारण से उत्पन्न भावनाओं को कुचल देता हैं .shahi nahi hai.Randhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8691068126047016839.post-12052837694770970532009-09-26T04:33:43.427-07:002009-09-26T04:33:43.427-07:00"एक बात स्पश्ट रूप से लिखना भी आवश्यक हैं कि ..."एक बात स्पश्ट रूप से लिखना भी आवश्यक हैं कि क्रान्ति का अर्थ परिवर्तण से हैं ,वर्तमान व्यवस्था में परिवर्तण करते हुए जो धन सम्पत्ति मुठि्ठ भर लोगों में केंद्रित हो चुकी हैं उसे उचित इस तरह विकेंद्रियकरण करना जिससे कि धन सम्पदा का लाभ सभी को समुचित हो सकें और समाज में सन्तुलन की स्थिति बनी रहे ,बराबरी की कल्पना मैं नहीं करता । गुणानुपात के मूल्यांकण को आधार माना जा सकता हैं ।"<br />आपका यह विचार उत्तम है । यही तो कम्यूनिस्म का मूल सिद्धानत है । परिवर्तन तो सतत चलने वाली प्रक्रिया है जैसे बीज बोने के बाद उसके अंकुरण की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है <br />आप बिलकुल भी निराश न हो ं ब्लॉगिंग के माध्यम से बीज बोने का कार्य करते रहें । यदि इसका फल अभी न मिले तो आनेवाली पीढियों को मिलेगा । स्वप्रचार मे व्यस्त लोगो से आपका मार्ग अलग है आप लीक से हटकर चलने वालों मे से हैं । मार्क्सवाद पर आपका विश्वास है यह अच्छी बात है । इसका अध्ध्ययन देश काला नुसार करें तभी यह सार्थक हो सकता है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8691068126047016839.post-7944226554992117012009-09-26T03:27:46.731-07:002009-09-26T03:27:46.731-07:00सही कहा है, आजकल कम्युनिष्ट शब्द गाली ही बनकर रह ग...सही कहा है, आजकल कम्युनिष्ट शब्द गाली ही बनकर रह गया हैराकेश झाnoreply@blogger.com