शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012

कुछ लोगों को देश बेचने में मजा आता हैं


                     कुछ लोगों को देश बेचने में मजा आता हैं


लगभग एक साल से ब्लाग में नहीं लिख पाया ,परन्तु कुछ समय से फेसबुक पर लिखता रहा ,आज कल सही सच्ची बातों से भारत के कुछ वर्गो को बड़ी चिड़ हैं, और मतभिन्नता हुई कि खैर नहीं ,जानी दुश्मन बन जाऐंगे ,फिर भी देश हित में लिखना ,बोलना ,और कुछ तो करना ही पडे़गा ,जोखिम उठाने में कुछ लोगों को मजा आता हैं ,आजादी के समय कुछ दिवानों को फांसी से मोह हो गया ,हंसते -हंसते फांसी में ऐसे झुल जाया करते थे जैसे मां की आंचल से बच्चे खेल रहा हो ,क्या समय कुछ ऐसा ही नहीं आ गया हैं ?
मैंने इतना ही लिख दिया ,आप कल से ही देखेंगे इस ब्लाग को बंद करने का तरिका शुरू हो जाएगा ,क्यों कि आपको पढ़कर आश्चर्य होगा ,मेरा फेसबुक लांक कर दिया गया हैं । क्यों मैं जो लिखता हूं वह कुछ लोगों को अच्छा नहीं लगता ,देश में मौलिक अधिकार ,संविधान यह सब तो कुछ लोगों के दिल बहलाने की खिलोना मात्र हैं ,नही तो देश को बरबाद होता देख कर भी अधिकांश चुप ,कुछ मुटि्ठ भर लोग गला फाड़ फाड़ कर बेऊकुफ जैसे चिल्हाते हैं ,उसमें मैं भी शामिल हं ,क्या हो जाएगा  चिल्हाने से ?क्या हमने निजीकरण रोक पाया ?क्या हमने डब्ल्यु टी ओ रोक पाया ?क्या हमने गैट को रोकने में सक्षम हुए?क्या विरोध के वाऊजुद एफ डी आई भारत में थौप नहीं दिया गया ?खुदरा व्यापार में एफ डी आई न आए इस लिए देश बंद भी हुआ था ,परन्तु कुछ लोगों को तो देश बेचने में बड़ा मजा आ रहा हैं !

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