मंगलवार, 14 अप्रैल 2009

स्विस बैंक में जमा रकम वापस लाना ही हैं

कुछ लोग कहते हैं कि इस देश के धन सम्पत्ति को देशद्रोहीयों ने स्विस बैंक में रख दिया हैं ,देश से लूट -लूट कर चोरी छिपे देश का धन बाहर ले जाने वाले लोग कहीं विदेश से नहीं आए हैं ये लूटेरे यही के हैं और देशी चोला पहनकर अंग्रेज और अन्य विदेशी लूटेरे से अधिक खतरनाक तरीके से इस देश को लूटने मे मग्न हैं ,कुछ वर्ष पूर्व एक समाचार पत्र में छपा था कि यह धन लगभग 200 लाख करोड़ से भी अधिक का हैं । वर्तमान में देश के एक बड़ा दल भापजा कह रही हैं कि यह रकम 72.80 लाख करोड़ से अधिक हैं ,चाहे 200 लाख करोड़ हो या 72.80 लाख करोड़ यह रकम यदि किसी रूप में भारत आ जाए तो निश्चित रूप से भारत का काया कल्प हो जाएगा ,यदि धन भारत लाया जाए तो धन जमा करने वालों का नाम भी उजागार होना स्वाभाविक हैं ,नाम उजागार होने पर क्या इस देश में ऐसे कोई कानून बना हैं जिसके तहत यह साबित किया जा सके कि देश का धन किसी विदेशी बैंक में रखने से देशद्रोही का कार्य प्रमाणित हो सकें ? आज तो हालात यह बन गया कि अफजल गुरू जैसे देशद्रोही को फांशी का सजा मिलने के पश्चात भी उसे फॉसी नहीं दिया जा सका हैं ,तब क्या धन सम्पत्ति के लूटेरों को कठोर सजा की आशा जनता कर सकती हैं ? क्या कठोर सजा समय पर उपलब्ध हो सकेगा ? दिवानी मामले तो यहा मृत्यु के पश्चात भी चलती है। यदि सजा बुढापे के अन्तिम क्षण में जब अपराधी कई तरह के बिमारी से ग्रसित हो चुका होता हैं और उसे एक अच्छा देख -रेख करने वाले की आवश्यकता होती है तब यदि उसे सजा मिल जाए और सरकारी मेहमान बनकर चिकित्सालय में सारी सुख सुविधा उपलब्ध हो जाए तब तो सोने मे सुहागा वाली बात किस्मत वालों को प्राप्त होता है यह सुख किसी स्वर्ग के सुख से कम नहीं होता ,क्या इस तरह की सजा से लोगों को अपराध करने को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा ? जन चेतना द्वारा ऐसे देशद्रोहीयों को मौत का सजा अविलम्ब मिलना चाहिएतभी लोग गद्दारी करने में डरेंगे ,अन्यथा घपले बाज ,घपले करते रहेंगे और पकडा गया तो चोर नहींतो साधु की भॉंती देश के भाग्यविधाता बने रहेंगे !

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