मंगलवार, 14 अप्रैल 2009

जुता खाओ और बाहर निकलो

जुता खाओ और बाहर निकलो ,हो सकता हैं हीरो बनने का सपना भी सफल हो जाए ,पर हीरो तो नसीब नहीं हो रहा है ,जीरो जरूर हसिला आ जाता हैं ,अमेरिका के राष्टपति को इराक में जुता पड़ा और जनता ने बाहर का रास्ता दिखा दिया ,जुता मारने वाले पत्रकार जनरैल सिंह जैसे किस्मत वाले नहीं थे ,राष्ट्रपति जार्ज बुश ने जुता मारने वाले को क्षमा नहीं किया ,उन्हें सुरक्षा कर्मियों ने धरदबोचा और अभी उसका अता पता भी नहीं हैं ,एक दिन खबर आएगा कि उसे फॉसी की सजा हो गई । जनरैल सिंह तो नसीब वाले निकले जुते भी मारे और उसका बाल भी बॉका नहीं हुआ ,ऊपर से लोखों का ईनाम भी ठुकरा कर सिक्खों का चहेता बन गया ,चिदम्बरन साहब करें तो क्या करें बेचारा समय का मारा ,हर जुता खाने वाले को जनता नकार देती हैं लगता हैं अब चिदम्बरन की बारी हैं ।उन्हें पूर्वाभाष हो गया होगा कि अब वे अधिक दिनों के मेहमान नहीं हैं ,मनमोहन सिंह और चिदम्बरम के दुकडि ने देश को बहुत रूलाया है ,विदेशी कंपनीयों को देश में घुसपैठ करवा कर अंग्रेजों से ज्यादा देश में लूटने की छुट देकर देश को भिखारी बना दिया और मात्र एक पर जुता पड़ा ,पता नहीं कोई लाल दुसरे पर भी योजना बना रहा कि नहीं ,हालाकि गाली देना ,जुता मारना अच्छी बात नहीं हैं पर आज जनता करे तो क्या करें ,चोरी फिर सीना जोरी की जमाने में जनता भी जैसे राजा वैसा प्रजा की तर्ज पर चलने को मजबूर है ,दोश मात्र जनता का नहीं हैं इस दोश के पीछे एक ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि है ,जिसे अनदेखा करना वस्तुस्थिति से मूहमोढना होगा । 1984 को याद करके भी हमारी रोंगटे खडी हो जाती हैं । एक सिक्ख ने उस समय श्री मती इंदिरा गान्धी को जो प्रधान मंत्री थे गोलीयों से छलनी कर दिया था ,एक सिक्ख ने गलती किया तो सारी सिक्ख कौम को सरेआम मारडालना कहॉं की कानून हैं ?उस समय की कल्पना करने से भी डर लगता हैं इस डर के पीछे एक राजनैतिक दल का हाथ था और इस दल के नेताओ को कुकर्म का फल मिलना चाहिए था ,परन्तु आज जब उल्टी गंगा बहरही हैं तब किसी न किसी को आक्रोश का सामना करना ही पडेगा ,बोया पेड बबुल का आम कहा से होय वाली कहावत हमेशा चरितार्थ होता हैं ।

1 टिप्पणी:

  1. bade bhai aap ne sahee kaha

    ab to ye joota sarkaar girayega
    aur jab sarkaar gir jayegee to janta ko pata chlega ki joote me hai dam

    phir market me cource aayega ki .....

    joota kaise chalaye

    aur to aur joote game ko olampic game me samil bhi ho sakta hai

    sach joota abhi chalna baaakee hai
    par nishana chuk jane par bhi nisana to banata hai aadmee

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