शुक्रवार, 20 मार्च 2009

भारत में परमाणु बम से हमला !!

पुरे देश में आज विनाशलीला का खेल खेला जारहा हैं ,इस खेल का नाम विकास हैं ,हजारों एकड में फैली जंगलों को काट कर खनीज निकालने का जो जूनुन व्यापारी और नेताओं में पैदा हो गई हैं इस जूनुन में देश के विनाश को कोई रोक नहीं सकता, यदि जनता आज सडक से संसद तक का लडाई न करें तो देश राजस्थान जैसे रेगिस्थान में परिवर्तित होने में अब देर नहीं लगेगी ,सैकडों साल पहले राजस्थान एक विकसित राज्य था, उस समय के राजस्थान को देश कहना ज्यादा उचित हैं ,विकास के नाम से देश के पेड-पौधों का विनाश कर दिया गया ,सरस्वती नदी राजस्थान से बहती थी ,रेगिस्थान के खुदाई में सरस्वती नदी का अवशेश प्राप्त हुआ हैं लोगों ने इस नदी का अस्तित्व ही समाप्त कर आज के पीढी को रेगिस्थान की त्रासदी में जीने को मजबूर कर दिया रेगिस्थान में ढंका हुआ अग्रसेन महाराज के राजधानी भी खुदाई से सामने आई हैं ,एक विकसित देश का अस्तित्व आज एक इतिहास बन कर लोगों के सामने आने को आतुर हैं दूसरी और हम इतिहास से थोडी सी सबक भी नहीं ले रहे हैं, हम आने वाली पीढी को क्या रेगिस्थान में जीने के लिए मजबूर नहीं कर रहे हैं ? जंगलों से तो अरबों की आय के साथ -साथ जीवन रूपी ऑिक्सजन का जो प्राकृतिक उपहार हमें प्राप्त होता हैं उसका कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता ,जंगलों के नाश से पशु पक्षियों का जो हालात होता हैं उसे सोचकर ही रोंगटे खडी हो जाती हैं ,दिन में ही जंगली जानवर गांवों में घुस आती हैं ,हाथीयों के आतंक से लोग भयभीत हैं ,ऐशो आराम की जीवन जीने वाले लोग इस तरह की स्थिति के भयावह रूप से सरोकार नहीं रख सकते ,उन्हें तो समझ ही नहीं हैं कि जंगल से ही जीवन हैं ,जंगल न रहने से वर्षा भी नहीं होगी, प्रदुषण के कारण जीवन का अस्तित्व ही खत्म होने से वर्तमान समय के विकास का उपभोग कौन करेगा ? यह तो हिरोशिमा-नागाशाकि के परमाणु बम से भी खतरनाक स्थिति निर्मित हो रही हैं,विकास के नाम से अन्य देश को बरबाद करने का जो योजना अमेरिका जैसे देशों ने बनाई हैं इसके तहत अब युद्ध करने की जरूरत नहीं हैं ,बस देश क जल ,जमीन नदी नाले ,जंगल को विकास के नाम से बरबाद कर दो फिर तमाशा देखते रहो ,ड्रेकुला के बंशज अमेरिका के भाग्य विधाता जिन्होंने लाखों रेड इण्डियानों को कत्लेआम कर अमेरिका में आज भी बसे हुए हैं ,ये वेदना शून्य ,संवेदना रहित ,माया ममता ,दया -करूणाविहीन लोग किसी के नहीं हैं,अनेक उदाहरण दिया जा सकता हैं जिससे यह साबित हो गया कि अमेरिका,इंग्लैण्ड जैसे देश दूनियॉ का दुश्मन हैं ,दोस्त नहीं । हमें अविलम्ब देश को बचाना होगा ,बहुत देर हो चुकी है अब समय विल्कुल ही नहीं है ,इस विनाश को रोकना ही होगा ,किसी भी किंमत में हमें देश को जीवित रखना होगा ,जल- जमीन ,जंगल,विहीन देश का अस्तित्व ही खत्म होने को हैं ,क्या अब भी हम किसी भगवान के अवतार लेने का इन्तेजार करते रहेंगे ? जिसके पास जो भी साधन हो ,जो भी शक्ति हो ,जैसा भी समर्थ हो ,वर्तमान भयावह स्थिति का विरोध करें ,विरोध करने वालों का साथ दे ,आज और अभी से सशक्त आन्दोलन का रूपरेखा तैयार कर कार्य करें ,अन्यथा हम भी इस देश के गद्दार से सम्बोधित किए जाएगें,आज चुपताप घर में बैठे रहने का समय नहीं हैं ,जागने और जगाने का समय आ चुका हैं ,युवा शक्ति को अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए आगे आना ही होग।

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