एक साल तक वायरस से कुछ हानी हो तो कंपनी क्षतिपूर्ति करने की बाते लिखी है पर उसके लिए कंपनी पर दावा करो ,कितनी क्षती हुई हैं उसकी जॉच कराने से लेकर उपभोक्ता फोरम ,उससे बात न बने तो वर्षों अदालतों का चक्कर ......नुकसान जो हुआ वह कब मिलेगा उसका तो पता नहीं ----पर कानूनी दॉव पेंच के लिए वकील रखो ,दावा रकम का दस प्रतिशत फीस जमा करने के अलावा अपना खून भी जलाते रहो ............यही सब न्याय पाने का माध्यम हैं .............इससे अच्छा चुपचाप बैठे रहो ....रोते रहो ......और व्यवस्था को कोसते रहो ............ अधिक हुआ तो एक आध लेख के माध्यम से भड़ास निकाल कर चैन से बैठना ज्यादा अच्छा है ।
वायरस से कुछ फाईल नष्ट हो गयी , उसे फिर कब तक बना पाउंगा पता नहीं ,मेरे कष्ट देखकर लड़का भी दु:खी होकर कहने लगे कि क्या फालतू की चिजों से आप जुझ रहे है ,ब्लाग में लिख कर कभी देश में क्रान्ति आ सकती है क्या ....! ऑंखे खराब होना ,रात की नींद गायब.. न जाने कितनी बाते से मुझे समझाने की कोशिस करते हुए ,कुछ मद्द भी किया ।
नेट तो एक दम धीमी हो गई , गूगल का नया क्रोम लोड करने से सचमूच नेट में जान आ गया , नेट खोला ही था कि अचानक वर्चूल मेमोरी कम होने की सूचना से मैं परेशान हो गया , ये वर्चुल मेमोरी की बातें तो मेरे सर के उपर से चला गया ,पर लड़का को समझमें आने से मेमोरी बढाने का भी रास्ता निकालकर मुझे एक बड़ी समस्या से मुक्त कर दिया ....नही तो आज मै इस लेखनी को पूरा नहीं कर सकता था ।
मैने सोचा कि ब्लोग के हेडार में कुछ नए चित्र लगा दूं ,इस चक्कर में ब्लोग ही गायब हो गया ,दुबारा लोड किया तो नया सन्देश तो अंग्रेजी से हिन्दी में परिवर्तण हो जाता है पर शीर्षक का अनुवाद हिन्दी में आज भी नहीं हो पा रहा है ,जबकि सन्देश और शीर्षक पूर्व में हिन्दी अनुवाद सरलता से हो जाता था ।
टेम्ल्पेट नया लग जाने से हैडर पर मेर चित्र के माथे में मेरे विचार हटाकर कुछ सामने लाना चाहता था ,पर उसे आज तक नहीं कर पाया । हैडर में अन्य चित्र कैसे लगाया जाए और सरलता से चित्रों को कैसे पोस्ट में प्रयोग किया जाए यह बता कर मुझे मद्द करने का कष्ट करें ।
नेट पर अनेक टेम्प्लेट उपलब्ध हैं मुझे तीन भाग वाला टेम्प्लेट अधिक पसन्द हैं और हैडर कुछ चौड़ी हो तो बहुत ही अच्छा, कुछ मैंने चुना भी था पर उसे किसी भी हालत में ब्लोग में नहीं जोड सका .............मैंने एडसेन्स को भी ब्लोग में रखना उचित समझा ... पर ऐसा नहीं कर पाया ...
पिछले समय मैंने हिन्दी पर कुछ सुझाव मांगा था ,उस समय एक नहीं अनेक हाथ मद्द के लिए उठे थे ...आज भी साथी हाथ बढाना
अरे झेडर मै आप अपने पसंद का कोई सा भी चित्र छोटा बडा, ऊंचा कम ऊंचा लगा सकते है बहुत आसान है, फ़िर आप ने टेम्प्लेट चुना लेकिन लगा नही सके?? लेकिन क्यो कया कारण आप ने नही लिखा... आप अपने बेटे के संग बेठे ओर उसे सब समझा दे फ़िर देखे कमाल.. अजी आज के बच्चे बहुत होशियार है, फ़िर भी आप को कोई मदद चाहिये तो मुझे मेल कर दे....
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