सोमवार, 22 जून 2009

यौन शिक्षा ओर प्रगतिशीलता

यौन शिक्षा पर एक समय गरमा गरम चर्चा चलता था ,भारत सरकार में बैठे कुछ लोगों को लगा कि यदि यौन शिक्षा दिया जाए तो हो सकता हैं कि देश में एड्स जैसे बिमारी से छुटकरा मिलने के साथ ही ,बच्चों को भी यौन शिक्षा से लाभ मिलेगा । लेकिन कुछ सिरफिरे लोगों के कारण सरकार के लिए इस उच्चकोटी के शिक्षा पद्धति को लागू करने में पीछे हटना पड़ा ,अब देखना यह हैं कि ये सिरफिरे लोग कौन हैं और क्यों सरकार को पीछे हटना पड़ा । आज कल यदि लिक से हट कर कुछ कहा जाए तो उसे पिछड़ा , पोंगापंथी , सिरफिरे ,और न जाने कितने ही प्रकार के नामों से उसका सम्बोधन होता हैं बताना असम्भव हैं । मै आज कुछ जोखिम लेना चाहता हूँ , हो सकता हैं कि कुछ लोग मुझे भी अलंकार से सम्बोधित करें ,एक घटना से शुरू करता हूँ .....मेरे एक परिचित इंग्लॅण्ड में चले गये थे ,डालर का लालच आज भी लोगों को विदेश जाने में आकर्षित करता हैं ,परिचित भी आकर्षित हुए और कमाई भी छप्पर फाड़ के हुई,दो बच्चों के पिता ने जब देखा कि लड़की बड़ी हो रही हैं और घर मेंलड़कों का जमघट शुरू हो गया हैं तो चिन्तीत हो उठे ,मुझे एक दिन बोलने लगे कि जवान लड़की को मेरे और पित्न के सामने ही एक लड़का चुमने लगा ,मैंने कहा इसमें क्या दोष हैं वहॉं तो यही रिवाज हैं ,हमारे देश में जैसे नमस्कार करना ,प्रणाम करना रिवाज हैं उसी तरह कुछ देश में चुमना रिवाज हैं इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं हैं ,जैसा देश वैसा भेष बनाना जरूरी है। परिचित ने जवाब नहीं दिया ,मैंने सोचा मेरे उदाहरण कुछ धारदार नहीं हैं अत: इससे अच्छा उदाहरण देकर समझाना आवश्यक हैं मैंने कहा भाई –आपने हिप्पीओं के बारे सूना हैं ? उसने कहा अधिक नहीं ,मैं अब हिप्पीवाद पर कुछ कहने के मूड में हो गया ...भाई साहब ! हेप्पी से हिप्पी बना है ,जब जेब गरम रहता है तो लोगों को हेप्पी सुझता है याने मनोरंजन ,नाईट क्लबों में जाना,पीना,जुआ खेलना ,नीला –काला फिल्म देखना ,ये सब गरम जेब का कमाल है ,जब जेब गरम हैं तो दिल भी गरम होने लगता है इसलिए उस खेल को करने के लिए भी रास्ता चाहिए और रास्ता निकाला भी .. एक समय शरीर को ऐसे पेंन्टों से रंगा गया ताकि पास से भी पता न लगे कि शरीर में कुछ भी नहीं है अर्थात सम्पूर्ण नंगे ... रास्ते में देखने वाले देखेंगे कि कपड़े पहने दो युवा बात कर रहे हैं परन्तु खूलेआम सेक्स में मस्त .... इसे ही तो प्रगतिशील कहलाता हैं ,मैने कहा कि भाई साहब आप कहा खो गए है ...? मैं आपसे बात कर रहा हूं और आप हैं कि हूं –हॉं भी नहीं करते ....अब भाई साहब कहने लगे यार मुझे तो समझ में कुछ भी नहीं आ रहा हैं । मैंने सोचा सारा कहानी ही गुड गोबर हो गया हैं ,सारी रात रामायण सुनने के बाद ...राम- सीता कौन ? उत्तर मिला भाई -बहन । अब हाल का एक खबर सुनाना जरूरी हो गया है 11साल का लड़का इंग्लैंण्ड में बाप बन गया हैं माता 14 साल की , लड़का कहता है कि इस लड़की के अलावा और लडकीयों के साथ मेरा सम्बन्ध है , परन्तु जो बच्चा हुआ वह मेरा ही हैं लड़की कहती है कि यह सच है। अब नन्हें माता पिता मिलकर शिशु का पालन पोषण करेगा । समस्या खड़ी हो गई एक लड़का और सामने आ गया ...कहने लगे कि जो बच्चा हैं उसका असली पिता मै हं , कारण मैंने इस लड़की से कई बार यौन सम्पर्क किया है। अब असली और नकली पिता होने का सच्चाई पता लगाने केलिए डी एन ए का जॉंच होगा । भाई साहब ! विदेश में रहना होगा तो ये सब सामान्य बात है , आपको भी आदत डालना होगा ...लड़की मम्मी से बोलेगी कि मुझे आज नाईट क्लब जाना है और वही से डेटिंग भी जाना होगा ...आगे क्या होगा इस पर भाई साब सोचने का भी आवश्यकता नहीं हैं । मोबाईल से सम्पर्क टूट गया .....बहुत दिनों बाद एकाएक परिचित का मोबाईल से सम्पर्क होने पर मैने पूछा भाई साब कैसे हैं ? मै तो इंग्लैंण्ड छोड़ दिया ...अब भारत आ गया हूँ ,डालर का मोह छोड़ चूका हूं ...कहने लगे कि आपने मेरी ऑंखे खोल दी ..यदि आप उस दिन सारी बाते नहीं बतायी होती तो मै बरबाद हो गया होता ,मैं मेरे देश में ही खूश रहूंगा ,इतनी प्रगतिशील मुझे नहीं बनना हैं ...भाई साब बहुत बहुत धन्यवाद । यौन शिक्षा से जो विकृति पैदा होता हैं उसका एक मिशाल मैंने समाज के सामने रखा ,कुछ अच्छाई भी हो सकती है। जैसे एक लड़की मॉं से निरोध की मांग करेगी ,आज भी भारत में इस विषय पर कोई चर्चा नहीं होने पर भी शादी के बाद वर-वधु बच्चे पैदा कर परवरिश करने लगते हैं ,उसे कोई शिक्षा की आवश्यकता नहीं होती हैं । चिडिओं को मैथुन क्रिया के लिए कहॉं शिक्षा दी जाती हैं , कई बार तो मच्छरों को जोड़ी में चिपके होने पर समझमें नहीं आता था ,बाद में पता लगा कि मच्छर भी इस तरह यौन सुख का आनंद लेता है। तितलियॉं भी.....जानवर भी ...किट पतंगें भी यौन सुख लेता हैं और बच्चे पैदा करके वंश बृद्धि करता है। अब प्रश्न यह हैं कि हम देश के छोटे - छोटे बच्चों को यौन शिक्षा देकर क्या सिखाना चाहते हैं ? निरोध ,गर्भ निरोधक गोली बेचने का एक अलग धंधा इस देश में चल निकलेगा ,आगे जाकर पढाई लिखाई छोड़कर यौन शिक्षा पर ही ध्यान केंद्रित हो जाएगा ,जब मम्मी पूछेगी कि आज कक्षा में क्या पढाई हुई तो उत्तर मिलेगा कि अमूल शिक्षक ने मुझे यौन शिक्षा का प्रेक्टीकल नॉलेज दिया हैं .....यही तो प्रगतिशिलता की निशानी हैं और धारा 376 -377 देश से छुमंतर हो जाएगा ......तो शुरू की जाए प्रगतिशिल बनने का एक नया दौर ..?

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