मंगलवार, 3 फ़रवरी 2009

शेयर बाज़ार बनाम कानूनी डकैत -बंद करो नाटक

आज देश मुट्ठी भर पूंजीपतिओं के हाथ गुलाम बन चुका हैं ,कहने के लिए हम आजाद हैं पर वास्तविक सत्ता चन्द लोगों के इशारों पर चलता हैं ,इन्हें रकम की आवश्यकता हो तो बैंक के साथ -साथ झूठा आश्वासन देकर जनता से प्रत्यक्ष धन वसूल करके उधारी की व्यवसाय से चौधरी बन कर जनता को खुल्लम -खुल्ला लुटता हैं , लोगों की लुट न हो, इसलिए बैंक आदि का राष्ट्रीयकरण किया गया था,फ़िर भी लुट की बाज़ार का नाम शेयर बाज़ार रखकर कानूनी जामा पहना दिया हैं इस कुकर्म के लिए सरकार भी दोषी हैं ,कानूनी डकैती तुंरत बंद किया जाए ,इस लुट से जिसका नुकसान हुआ हैं ,उसका भरपाई करना आवश्यक हैं , पूंजीपतिओ को पैकेज देकर जिलाने से काम नही चलेगा ,शेयर से नुकशान हुए लोगों को पैकेज देना जरुरी हैं पूंजीपति बैंक से उधारी ले ,शेयर बाज़ार का
नाटक बंद किया जाना देशहित में आवश्यक हैं

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

translator