गुरुवार, 5 फ़रवरी 2009

जैसे नक्शलिवाले - वैसे शासन - पुलिसवाले

खलीयान में दो सांड को लड़ते हुए देश के सभी लोग देख रहे हैं ,एक सांड का नाम नक्शलि ,दुसरे का नाम शासन -पुलिस वाले हैं ,बंगाल के नक्शलबाड़ी में पैदा हुआ चारु मजुमदार ने जमीदारों के शोषण से त्रषित जनता को साथ लेकर उग्र आन्दोलन करते हुए नायक बन गए थे ,आगे यही आन्दोलन देश के दुसरे प्रांत में भी फ़ैल गया , नक्शल स्वंम को छोड़ सभी को दुश्मन समझती हैं , अतःविरोध करने वाले सभी को मौत के घाट उतरने में कोई देर नहीं करता , वास्तव में शोषकों का बाल बांका नहीं कर पाने की आक्रोश में जनता तथा पुलिस वाले पर अपना गुस्सा उतारते हुए डर का व्यवसाय में वे मग्न हैं ;दूसरी और शासन और पुलिस वाले भी नक्शल का कुछ भी बिगाड़ नहीं पाने के कारण जनता को मारकर अपना बहादुरी दिखा रहा हैं ,दोनों सांड के लड़ाई में जनता रूपी बगिए की फुल कुचले जा रहे हैं ,दोनों और भाई -भाई की लड़ाई में घर उजड़ रहा हैं ,हम मौन हैं ,क्युकी राष्ट्रीय सुरक्षा नियम लागु हैं

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