सोमवार, 23 फ़रवरी 2009
झोपडिओं के कुत्ते स्लमडॉग, आस्कर अवार्ड के टुकड़े खाओ
अंग्रेजों ने भारतीयों को काले कुत्ते कह कर सम्बोधित करते थे ,हम चुप-चाप सहते रहे ,क्योंकि हम गुलाम थे ,हम मजबुर थे ,स्वाभिमान टुट चुका था, और जब अन्याय सहते सहते तंग आ चुके थे तो विरोध का स्वर सुनाई देने लगे ,आवाज आया भारतीय कुत्ते नहीं पर दुनियॉं को राह दिखाने वाले जगत गुरू हैं ,स्वाभिमान जागृत हुआ ,अंग्रेजों को देश छोडना पडा ,आज हम आजाद हैं ,देश के भाग्यविधाता भारतवासी दुनियॉं में किसी भी रूप से कमजोर नहीं हैं ,लेकिन हम एक बार फिर अपने आप को भुलने लगे हैं ,कुत्तों को सोने की जेजीरों से बाँध कर यदि उपहार स्वरूप खुब अच्छा खाना खिलाया जाय तो स्वामी भक्ति और अधिक बढ जाती हैं। यदि झोपडियों मे रहने वाले कुत्ते को ऑक्सर से नवाजा जाए वह भी ब्रिटेन द्वारा निर्मित फिल्म के लिए ,हम उन्हें बधाई दे कि आपने झोपडियों में रहने वाले मुम्बई के कुत्तों को जो सम्मान दिया हैं उस लिए राष्ट्र कृतज्ञ हैं ! आज भी अंग्रेज हमें हरामखोर कहें ,कुत्तें कहें ओर ईनाम दिला दे ,तो दुम हिलाते हुए उसका हम गुनगाण करने लगते हैं ,देश के पत्रकार ,मिडिया भी चुप ,ऐसे अवार्ड लेने से मर जाना अच्छा है। कला चाहे कितने ही श्रेष्ठ हो, यदि कला का अपमान हो रहा हो और उससे राष्ट्रीय स्वभिमान आहत हो रहा हैं तो कोई भी अवार्ड हमारे नजर मे तुच्छ होना चाहिए ,तुरन्त वापस कर देना चाहिए इस तरह की अवार्ड ,एक -एक करके 8 ऑक्सर मिलना जैसे कुत्तों के सामने बारी बारी से 8 रोटी के टुकडे डालने के समान है ,ऐसी टेकडों में पलने वाले लोग यदि इस देश में पैदा हो गए हैं तो आगे इस देश का मालिक कौन होगा इस चिन्ता से मैं बहुत दु:खी हूँ, आक्रोशित हूँ ,आहत हूँ । अंग्रेज दुनियॉ के सामने यह साबित करने के लिए सफल हो गए कि इण्डियन आज भी स्लम डॉग यानि झोपडियों के कुत्ते के सिवाय कुछ भी नहीं हैं । यह फिल्म भी सोची समझी षडयंत्र के तहत बनाई गई हैं ,भारत को नीचा दिखाने के लिए एक साजिश के अलावा यह कुछ भी नहीं हैं क्या इस फिल्म का नाम झोपडी का शेर नहीं रखा जा सकता था ? स्लम लायन भी तो अच्छा नाम हो सकता था पर स्लम डॉग !!!!!!!!!
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dear S k ray I am agree with you
जवाब देंहटाएंwhy choose a slmdog milenear in the osker why indian not give the good awared it
'
and media said
awared to indian music
but this is A R rahmaan music
indian music and rehmaan music is
defferent his stumental and every thing